भारतीय शेयर बाजार ने लगातार 8 सालों से दिया पॉजिटिव रिटर्न
भारतीय शेयर बाजार ने लगातार 8 सालों से दिया पॉजिटिव रिटर्न
भारतीय शेयर बाजार में लगातार नया हाई बनते देखने को मिल रहा है. घरेलू डिमांड, कैपेक्स साइकिल में रिवाइवल, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से निवेशकों का सेंटीमेंट पॉजिटिव लग रहा. हालांकि, कुछ पॉकेट्स को लेकर एक्सपर्ट्स सतर्क हैं और इनमें पुलबैक का अनुमान है. 2023 को ग्लोबल स्तर पर बाजारों के लिए देखें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि कई सालों बाद इतने बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं.
ऐतिहासिक स्तर पर बाजार के लिए चुनौतियों की बात करें तो ग्रेट डिप्रेशन में के बाद इस साल अमेरिका में सबसे बड़ा बैंकिंग संकट देखने को मिला. मीडिल ईस्ट में पिछले 50 साल की सबसे बड़ा संकट रहा. इसके अलावा ब्याज दरें कई दशकों के ऊपरी स्तर पर और कंज्यूमर सेंटीमेंट भी कई दशकों के नीचे है.
2023 में इन चुनौतियों के बाद भी चमका बाजार
2023 में भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत बहुत उम्मीदों के साथ हुई, लेकिन पहले ही महीने में अदाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बड़ी बिकवाली दिखी. इसके बाद ग्रोथ पर फोकस बजट से निवेशकों को कुछ राहत मिली. मार्च महीने में अमेरिकी बैंकिंग संकट और इसके बाद Credit Suisse संकट के बाद दुनियाभर के बाजारों में दबाव दिखा.
इसके बाद जून महीने में निफ्टी ने 2023 में पहली बार रिकॉर्ड स्तर को छुआ. इसके बाद सितंबर में निफ्टी 20,000 के पार पहुंचा और फिर दिसंबर में सेंसेक्स 70,000 के पार पहुंचा. गुरुवार (28 दिसंबर) को निफ्टी 21,801.45 के नए शिखर पर पहुंच चुका है. इस दिन सेंसेक्स ने भी 72,484.34 का नया शिखर बनाया है.
दुनियाभर में पहली बार हो रहा है जब कोई शेयर बाजार लगातार 8 सालों से पॉजिटिव रिटर्न के साथ बंद हो रहा. भारतीय शेयर बाजार ने साल 2016 से 2023 तक एक बार भी निगेटिव रिटर्न नहीं दिया है. कोविड-19 के दौरान साल 2020 की बिकवाली में भी भारतीय शेयर बाजार पॉजिटिव रिटर्न देने में कामयाब रहा है.
भारतीय बाजार में लगातार तेजी का दौर
साल | रिटर्न (%) |
2013 | 6.76 |
2014 | 31.39 |
2015 | -4.06 |
2016 | 3.01 |
2017 | 28.65 |
2018 | 3.15 |
2019 | 12.05 |
2020 | 14.9 |
2021 | 24.12 |
2022 | 4.33 |
2023 | 18.33 |
*27 दिसंबर 2023 तक |
शंघाई कम्पोजिट की तुलना में देखें तो निफ्टी और शंघाई कम्पोजिट जनवरी 2008 में 6,000 के स्तर पर थे. अमेरिका में लेहमन ब्रदर्स संकट के बाद दोनों इंडेक्स लुढ़ककर 3000 के स्तर पर आ गए थे. लेकिन, इसके बाद दोनों इंडेक्स की तुलना करना मुश्किल है. 2023 में अब तक एक और शंघाई कम्पोजिट एक बार फिर 3,000 के स्तर पर आ गया है. वहीं, निफ्टी इस मुकाबले सवा 7 गुना ऊपर 21800 के करीब है.
2023 : ग्लोबल बाजारों में कितनी तेजी?
बाजार | रिटर्न (%) |
डाओ जोंस | 12.82 |
S&P 500 | 24.33 |
नैस्डैक | 44.34 |
FTSE 100 | 1.9 |
CAC 40 | 14.3 |
DAX | 15.3 |
निक्केई | 29 |
हैंग सैंग | -21.4 |
शंघाई कम्पोजिट | -6.7 |
निफ्टी | 18.3 |
कोस्पी | 15.2 |
*27 दिसंबर 2023 तक |
रिटेल निवेशकों की भागदारी लगातार बढ़ रही
लेकिन, इन सबके बीच भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्डतोड़ तेजी जारी है. घरेलू बाजार में इस तेजी की सबसे बड़ी वजह रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी है. हाल ही में NSE की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, 2023 में सबसे ज्यादा निवेशक उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं. देश के इस सबसे बडे़ राज्य से इस साल 23 लाख नए निवेशक जुड़े हैं. पिछले साल के मुकाबले इसमें 34% की ग्रोथ देखने को मिली है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा नए निवेशकों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र को पीछे छोड़ चुका है. अब तक सबसे ज्यादा नए निवेशक महाराष्ट्र से ही जुड़ते थे.
हालांकि, अभी भी सबसे ज्यादा निवेशकों की संख्या महाराष्ट्र से ही है. 2023 के दौरान महाराष्ट्र में कुल 22 लाख नए निवेशक बाजार से जुड़े हैं, जिसके बाद कुल आंकड़ा 1.49 करोड़ पर पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश कुल 89 लाख निवेशकों के साथ दूसरे नंबर पर और गुजरात 77 लाख निवेशकों के साथ तीसरे नंबर पर है.
बाजार ने बनाया एक और रिकॉर्ड
इस साल बाजार को लेकर एक और नया रिकॉर्ड बना है. भारतीय शेयर बाजार का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचा है. दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में भारत पांचवें नंबर पर बना हुआ है. भारत से पहले 50 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ अमेरिका पहले स्थान पर, 10 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर, 6 ट्रिलियन डॉलर पर जापान तीसरे स्थान पर और 4.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ हॉन्ग कॉन्ग चौथे स्थान पर है.
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