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Mobikwik IPO News: जानिए वो बातें जो एक निवेशक को जानना है जरूरी

 

Mobikwik IPO: जानिए वो बातें जो एक निवेशक को जानना है जरूरी





फिनटेक कंपनी मोबीक्विक आईपीओ लाने का दूसरा प्रयास कर रही है. आप में से कई लोग शायद इश्यू का इंतजार कर रहे होंगे. कंपनी अपने दस्तावेज सेबी के पास दायर कर चुकी है और उस दस्तावेज से इश्यू को लेकर कई संकेत मिलते हैं. अगर आप भी इश्यू को लेकर थोड़ा गंभीरता से सोचना चाहते हैं तो समझिए इन दस्तावेजों के संकेत क्या हैं.

आधी हुई फ्रेश इश्यू से जुटाने वाली रकम
कंपनी का आईपीओ लाने का ये दूसरा प्रयास है. और इस दूसरे प्रयास में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. कंपनी पिछली बार के मुकाबले आधे ही फ्रेश इश्यू जारी करेगी. जब कंपनी पहली बार बाजार में उतरने की कोशिश कर रही थी तो उसने फ्रेश इश्यू के जरिए 1,500 करोड़ जुटाने की योजना बनाई थी लेकिन मौजूदा एप्लीकेशन के मुताबिक कंपनी फ्रेश इश्यू के जरिए सिर्फ 700 करोड़ रुपये ही जुटाएगी.  सेबी के भेजे दस्तावेज के अनुसार इश्यू में 140 करोड़ रुपये के प्री आईपीओ प्लेसमेंट का भी प्रावधान है. ऐसे में फ्रेश इश्यू के जरिए जुटाई गई रकम और घट सकती है. ये आंकड़ा अहम इसलिए है क्योंकि फ्रेश इश्यू के जरिए जुटाई रकम ही कंपनी के खाते में आती है और वो इसका इस्तेमाल कर्ज घटाने से लेकर दूसरी कारोबारी जरूरतों में इस्तेमाल कर सकती है.
इन 700 करोड़ रुपये में से 250 करोड़ रुपये फाइनेंशियल सर्विस बिजनेस में ग्रोथ बढ़ाने में किया जाएगा. 135 करोड़ रुपये पेमेंट सर्विस बिजनेस की ग्रोथ के लिए होगा वहीं 135 करोड़ रुपये डाटा, मशीन लर्निंग और एआई में निवेश किया जाएगा.

कैसा रहा कंपनी का कारोबार
कंपनी की कारोबार से आय मजबूत रही है. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी की कारोबार से आय 82 फीसदी बढ़ गई है. वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की कारोबार से कुल आय 539 करोड़ रुपये थी. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की आय 381 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
कंपनी वित्त वर्ष 2021, 2022 और 2023 में एबिटडा लॉस में रही थी. हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी का एबिटडा 21 करोड़ रुपये मुनाफे में है.
वहीं बीते 3 वित्तीय वर्ष में कंपनी घाटे में थी लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी ने 9 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.
कंपनी की देनदारी पिछले 3 सालों से स्थिर बनी हुई हैं. वित्त वर्ष 2021 में कुल देनदारी 443 करोड़ रुपये पर थी जो कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के खत्म होने तक 534 करोड़ रुपये पर हैं.

क्या हैं जोखिम
कंपनी के सामने मौजूद जोखिम में सबसे अहम जोखिम ये है कि उसे कोई क्रेडिट रेटिंग हासिल नहीं है. ऐसे में कंपनी को अपनी फ्यूचर ग्रोथ और ऑपरेशंस के लिए फंड जुटाने में काफी मुश्किल हो सकती है. कंपनी ने कहा कि क्रेडिट रेटिंग न होने से उसकी कर्ज जुटाने की लागत बढ़ जाएगी.

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