FII News: पता चल गया विदेशी निवेशक बाजार में अब कहां लगा रहे सबसे ज्यादा पैसा
FII News: पता चल गया विदेशी निवेशक बाजार में अब कहां लगा रहे सबसे ज्यादा पैसा
फरवरी में IT सेक्टर में नेट खरीदार बनने के बाद, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने मार्च में अपना रुख बदल दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों के कारण ग्लोबल स्तर पर अस्थिरता और अनिश्चितता के बीच विदेशी निवेशकों में यह बदलाव देखने को मिला है. फरवरी में 805 करोड़ रुपये की नेट खरीद के बाद, FIIs ने मार्च के पहले 15 दिन में IT सेक्टर से लगभग 6,934 करोड़ रुपये निकाल लिए.
बिजनेस और कंज्यूमर सेंटीमेंट में गिरावट के साथ, भारतीय IT सेक्टर के ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ गई है. इन कंपनियों की आय अमेरिका पर बहुत हद तक निर्भर करता है.
IT सेक्टर के ग्रोथ और आय में गिरावट का अनुमान
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley ने वैश्विक व्यापक आर्थिक बदलावों और तेजी से तकनीकी प्रगति के कारण घरेलू IT इंडस्ट्री के लिए बढ़ते जोखिमों पर जिक्र किया. ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कई फैक्टर्स की वजह से IT कंपनियों की आय ग्रोथ और वैल्युएशन पर असर देखने को मिल सकता है. ब्रोकरेज ने कहा कि IT सेक्टर के लिए ग्लोबल माहौल में अनिश्चितता बढ़ना सबसे बड़ा निगेटिव है. साथ ही कई प्रमुख IT कंपनियों के टारगेट प्राइस में भी कटौती है. Infosys के टारगेट प्राइस में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है
इन सेक्टर में भी FIIs की बिकवाली?
IT सेक्टर के अलावा FMCG, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, हेल्थ सर्विसेज, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर सर्विसेज और पावर सहित कई सेक्टर में FIIs नेट बिकवाल बने रहे. मार्च के पहले 15 दिन में, FIIs ने फरवरी में 6,900 करोड़ रुपये की बिकवाली के बाद FMCG शेयरों में लगभग 5,100 करोड़ रुपये बेचे.
फरवरी में 3,960 करोड़ रुपये की बिकवाली के बाद ऑटो सेक्टर में 3,640 करोड़ रुपये की बिकवाली देखी गई. फाइनेंशियल और हेल्थ सर्विसेज शेयरों में फरवरी में क्रमशः 6,991 करोड़ रुपये और 1,462 करोड़ रुपये की बिक्री के बाद मार्च की पहली छमाही में क्रमशः 3,311 करोड़ रुपये और 2,049 करोड़ रुपये की बिक्री देखी गई.
कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर गुड्स के क्षेत्रों में क्रमशः 1,912 करोड़ रुपये और 1,900 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला. जबकि, पावर और कंज्यूमर गुड्स के सेक्टर में 1,867 करोड़ रुपये की बिकवाली दर्ज देखी गई.
कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर गुड्स के क्षेत्रों में क्रमशः 1,912 करोड़ रुपये और 1,900 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला. जबकि, पावर और कंज्यूमर गुड्स के सेक्टर में 1,867 करोड़ रुपये की बिकवाली दर्ज देखी गई.
FIIs: किन सेक्टर में बिकवाली
सेक्टर | 1-15 फरवरी | 16-28 फरवरी | 1-15 मार्च |
IT | 112 | 693 | -6934 |
FMCG | -2568 | -4336 | -5106 |
ऑटो | -3279 | -690 | -3640 |
फाइनेंशियल सर्विसेज | -1647 | -5344 | -3311 |
हेल्थ | -2996 | +1534 | -2049 |
कैपिटल गुड्स | -1258 | -3206 | -1912 |
कंज्यूमर सर्विसेज | -595 | -2262 | -1900 |
पावर | -1234 | -1852 | -1867 |
स्रोत: NSDL, (सभी आंकड़े रुपये करोड़ में) |
किन सेक्टर में बढ़ा रुझान
बड़े पैमाने पर बिकवाली के बीच, FIIs मेटल और माइनिंग, सर्विसेज और मीडिया सहित चुनिंदा सेक्टर में खरीदारी दिखा रहे. उन्होंने मेटल शेयरों में लगभग 1,179 करोड़ रुपये, उसके बाद सर्विसेज में 305 करोड़ रुपये और मीडिया शेयरों में 143 करोड़ रुपये की खरीद की.
FIIs: किन सेक्टर में खरीदारी
सेक्टर | 1-15 फरवरी | 16-28 फरवरी | 1-15 मार्च |
मेटल & माइनिंग | -606 | -558 | +1179 |
सर्विसेज | -84 | +267 | +305 |
मीडिया | +34 | -12 | +143 |
स्रोत: NSDL, (सभी आंकड़े रुपये करोड़ में) |
भारी बिकवाली के बावजूद, FIIs के एसेट्स में नवंबर 2024 के बाद पहली बार मामूली सुधार दिखा, जो फरवरी में 62.39 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च के पहले 15 दिन में 62.86 लाख करोड़ रुपये हो गया.
Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.
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