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Vedanta Share Price: डिमर्जर प्रक्रिया को लेकर वेदांता चीफ अनिल अग्रवाल ने दी ये बड़ी अपडेट

 

Vedanta Share Price: डिमर्जर प्रक्रिया को लेकर वेदांता चीफ अनिल अग्रवाल ने दी ये बड़ी अपडेट



वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने डिमर्जर को लेकर बड़ा बयान दिया है.अग्रवाल ने भारत की आर्थिक इजाफा और कंपनी की डिमर्जर प्रक्रिया को लेकर उत्साह जताया है.


उन्होंने कहा कि कंपनी के हर बिजनेस का EBITDA समान रहेगा, जिसमें लगभग 35% का मार्जिन होगा. उन्होंने यह भी बताया कि सभी बिजनेस 15-16% की इजाफा दर के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

वेदांता ने दुनिया की सबसे बड़ी बॉक्साइट खदानों में से एक का अधिग्रहण कर लिया है. कंपनी ने उत्पादित एल्युमिनियम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के इस्तेमाल में आएगा.अनिल अग्रवाल ने कहा कि वे ग्लोबल बाजारों और टैरिफ को करीब से देख रहे हैं, लेकिन वेदांता पर इसका अपेक्षाकृत कम प्रभाव पड़ेगा.

भारतीय खपत पहले से ही बहुत अधिक है.उन्होंने कहा कि सरकार इंडस्ट्री को सुचारू रूप से चलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और अब निर्णय लेने में अधिक समय नहीं लगाती.

एल्युमिनियम की मांग बहुत अधिक है, लेकिन आपूर्ति सीमित है. इसके अलावा, एल्युमिनियम, जिंक और गैस की प्रीमियम कीमतें अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हुई हैं.

कंपनी अपने समकक्ष समूहों की तुलना में कम कर्ज रखती है. अगले 2-3 सालों में मूल कंपनी के स्तर पर कर्ज पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य है.

2025 में $1 अरब और कारोबारी साल 2026 में $1 अरब का कर्ज चुकाने की योजना है. कारोबारी साल 2027 में आधा अरब डॉलर का कर्ज और कम किया जाएगा.


डिमर्जर प्रक्रिया

कंपनी को उम्मीद है कि NCLT अगले 4-6 हफ्तों में मंजूरी दे देगा, लेकिन इसकी सटीक तारीख नहीं बताई जा सकती. पिछले एक साल में शेयरधारकों के निवेश का मूल्य चार गुना (4X) बढ़ा है.सरकार वेदांता के सभी बिजनेसों में लगभग 25% की भागीदार है.

अनिल अग्रवाल ने कहा कि स्टील उनका मुख्य बिजनेस नहीं था, और यदि सही मूल्य मिला तो वे इस्पात कारोबार बेच सकते हैं. वेदांता ने भारत में चांदी का उत्पादन शुरू किया है और वह देश में सबसे बड़ा चांदी और जिंक उत्पादक है. कंपनी कई महत्वपूर्ण धातुओं का उत्पादन कर रही है और अनिल अग्रवाल का मानना है कि 'ड्रिल बेबी ड्रिल' भारत के लिए आवश्यक है.


भविष्य की योजनाएं

वेदांता अगले चार सालों में $40 अरब का कमाई प्राप्त करने की योजना बना रहा है. 75% व्यक्तिगत संपत्ति गिरवी रखी गई है, लेकिन अनिल अग्रवाल भारत को लेकर बेहद आशावादी (बुलिश) हैं.

सरकार जमीन के नीचे छिपे संसाधनों पर केंद्रित है और अनिल अग्रवाल चाहते हैं कि भारत में कई और 'वेदांता' और 'अनिल अग्रवाल' सामने आएं. वेदांता की यह रणनीति भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो देश के औद्योगिक विकास में बड़ी भूमिका निभा सकती है.

Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.

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