Adani-Hindenburg Case पर SC के फैसले के बाद गौतम अदाणी ने कहा- सत्य की हुई जीत
Adani-Hindenburg Case पर SC के फैसले के बाद गौतम अदाणी ने कहा- सत्य की हुई जीत
अदाणी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ आई हिंडेनबर्ग रिसर्च (hindenburg Research) की रिपोर्ट को लगभग एक साल हो गया है. रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे. इसकी जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट (SC) की ओर से फैसला सुनाया गया. अदाणी हिंडेनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SEBI की जांच मे कोर्ट दखल नहीं देगा. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने आज मामले में फैसला सुनाया.
क्या है फैसला?
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं है और इसे सिर्फ तभी उठाया जा सकता है, जब जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया गया हो. ओसीसीपीआर रिपोर्ट पर निर्भरता को खारिज कर दिया गया है और बिना किसी सत्यापन के तीसरे पक्ष संगठन की रिपोर्ट पर निर्भरता को प्रमाण के रूप में भरोसा नहीं किया जा सकता है. हितों के टकराव का आधार अप्रमाणित और खारिज किया जाता है. भारत सरकार और सेबी भारतीय निवेशकों के हित को मजबूत करने के लिए समिति की सिफारिशों पर विचार करेंगे. भारत सरकार और सेबी इस पर गौर करेंगे कि क्या शॉर्ट सेलिंग पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट द्वारा कानून का कोई उल्लंघन हुआ है और यदि ऐसा है तो कानून के अनुसार कार्रवाई करें.
गौतम अदाणी ने कहा- सत्य की हुई जीत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गौतम अदाणी ने कहा कि- माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है. सत्यमेव जयते. मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे. भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा.
सेबी ने 24 में से 22 मामलों की जांच की है. कोर्ट ने कहा कि सेबी की जांच उचित है. कोर्ट ने सेबी की जांच रिपोर्ट में दखल देने से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को बाकी 2 मामलों की जांच के लिए 3 महीने का समय दिया है.
कोर्ट ने SEBI से कहा है कि मौजूदा नियामक तंत्र को बेहतर बनाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव पर काम करें. कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों पर उठे सवालों को खारिज किया और कहा कि हितों कर टकराव की याचिकाकर्ता की दलील बेमानी है. कोर्ट ने कहा कि बिना पुख्ता आधार के जांच SEBI से ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर सेबी की जांच पर संदेह करना या किसी निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं है. कोर्ट ने SIT जांच की मांग खारिज की.
शॉर्ट सेलर ने लगाया था हेरफेर का आरोप
मालूम हो कि जनवरी 2023 में अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर बाजार में हेरफेर और अकाउंटिग फ्रॉड का आरोप लगाए जाने के बाद अरबपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) के ग्रुप को नुकसान हुआ था. ग्रुप ने तब से ऐसे सभी आरोपों से इनकार किया है और अपनी रणनीति पर फिर से काम किया है.
सेबी को दिया था जांच करने का निर्देश
मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) को हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अदाणी ग्रुप की ओर से सिक्योरिटीज लॉ के किसी भी उल्लंघन की जांच करने का निर्देश दिया था. अदालत ने पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्यों वाली एक एक्सपर्ट कमेटी भी गठित की थी.
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 24 जनवरी को अदाणी हिंडेनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. इस रिपोर्ट के आने के बाद 31 जनवरी 2023 को अदाणी एंटरप्राइजेज ने अपना FPO कैंसिल कर दिया था. अदाणी ग्रुप के शेयर क्रैश होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में इसपर सुनवाई शुरू की थी. जांच के लिए गठित कमेटी ने मई में कहा था कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 15 अगस्त तक जांच पूरी करने के लिए कहा था. नवंबर में मामले की सुनवाई फिर से हुई और 24 नवंबर को सेबी ने कहा उसे जांच के अतिरिक्त वक्त नहीं चाहिए. 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
(Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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