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Recession fears-आर्थिक मंदी का डर? - इसी वजह से गिर रहा है क्या भारतीय शेयर बाजार, जान लीजिए सबकुछ

 

Recession fears Stock Market-आर्थिक मंदी का डर? - इसी वजह से गिर रहा है क्या भारतीय शेयर बाजार, जान लीजिए सबकुछ



Share Market Crash:- क्या बाजार को आर्थिक मंदी की चिंता सता रही है? इस पूरे मामले पर सीएनबीसी आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने विस्तार से बात की है. उन्होंने बताया कि बाजार इस समय स्टैगफ्लेशन की गिरफ्त में है. वो कहते हैं कि महंगाई बढ़ रही है, लेकिन सैलरी वहीं की वहीं है. इसी वजह से ऑटो और एएफएमसीजी कंपनियों की डिमांड गई है. इसी का असर बाजार पर है.


आइए अब आपको स्टैगफ्लेशन के बारे में बताते हैं....

यह अर्थव्यवस्था की वो स्थिति होती है. जिसमें आर्थिक तरक्की की रफ्तार घट जाती है और बेरोजगारी के साथ-साथ महंगाई तेजी से बढ़ने लगती है.

इस पर पहली बार बात साल 1960 में हुई थी. उस समय तक इसे मान्यता नहीं मिल पाई थी. पहली नजर में महंगाई और बेरोजगारी का ऊंचा लेवल या स्लो ग्रोथ की स्थिति एक तरह से एक-दूसरे से उलट नजर आते हैं, लेकिन 1970 के दशक में ऐसी ही स्थिति बनी थी.

तब इकनॉमिक प्रॉडक्टिविटी गिर गई थी. इस दौरान बेरोजगारी के ऊंचे लेवल पर होने के साथ-साथ महंगाई भी ज्यादा थी. 'स्टैगफ्लेशन' टर्म का इस्तेमाल सबसे पहली 1965 में ब्रिटिश पार्ल्यामेंट में लेन मैकलॉयड द्वारा किया गया था.

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स्टैगफ्लेशन से निपटना काफी मुश्किल होता है. मंदी में इकॉनमी को पटरी पर लाने के लिए सरकार जो कदम (ब्याज दरों में कटौती या सरकारी खर्च में बढ़ोतरी) उठाती है, उससे अक्सर महंगाई बढ़ती है.

मंदी में सरकार के महंगाई बढ़ाने वाले कदम स्वीकार्य होते हैं, लेकिन स्टैगफ्लेशन में जब पहले से ही महंगाई काफी ऊंचे लेवल पर हो, तब इस तरह के कदम से कीमतों के बेकाबू होने का खतरा पैदा होता है. इससे इकनॉमिक प्रॉडक्टिविटी और ग्रोथ पर नेगेटिव असर होता है.

अमेरिका में 1970 के दशक में ऐसा ही हुआ था. इसका दूसरा कारण इकॉनमी में मनी सप्लाई की बहुत ज्यादा ग्रोथ रोकने में मॉनिटरी अथॉरिटी की नाकामी के साथ-साथ गुड्स और लेबर मार्केट में सरकार का जरूरत से ज्यादा रेग्युलेशन होता है.

1970 के दशक में ऐसी स्थिति बनी थी, जब पूरी दुनिया स्टैगफ्लेशन की चपेट में आ गई थी. यह स्थिति क्रूड ऑइल की ऊंची कीमत से बननी शुरू हुई और इससे पैदा मंदी से निपटने के वास्ते बनाई गई मॉनेटरी पॉलिसी में सेंट्रल बैंकों की तरफ से राहत पैकेज दिए जाने से मजदूरी और महंगाई में तेज उछाल आई.

Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.

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