Market Recovery: बाजार में इस तेज रिकवरी की सबसे बड़ी वजह जानिए
Market Recovery: बाजार में इस तेज रिकवरी की सबसे बड़ी वजह जानिए
शेयर बाजार में लगातार 6 दिन की गिरावट के बाद निफ्टी वीकली एक्सपायरी के दिन तेजी देखने को मिल रही है. ग्लोबल बाजारों में भी रिकवरी का असर गुरुवार को भारतीय बाजार में भी देखने को मिल रहा है. दोपहर के सेशन तक निफ्टी करीब 150 अंक और सेंसेक्स करी 450 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ क्रमश: 23,190 और 76,640 के स्तर पर कामकाज करते नजर आए. इसके पहले बुधवार के सेशन के दौरान बाजार में तेज उठा-पटक देखने को मिला था. इस दिन आखिरी मोमेंट में रिकवरी के बाद भी बाजार लाल निशान में बंद होने में कामयाब रहा.
लेकिन, आज ज्यादातर इंडेक्स हरे निशान में कामकाज करते नजर आए. निफ्टी फार्मा इंडेक्स में आज सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है. निफ्टी मेटल भी सबसे तेजी वाले सेक्टर में शामिल रहा. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध का असर भी बाजार के सेंटीमेंट पर देखने को मिल रहा. AMFI की ओर से जारी SIP के आंकड़ों से भी बाजार को सपोर्ट मिला है.
1. रूस - युक्रेन के बीच शांति पर बातचीत
अमेरिका ने रूस और युक्रेन के बीच युद्ध विराम को लेकर बातचीत की है, जिसके बाद बाजार के सेंटीमेंट पर इसका असर देखने को मिल रहा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन से लंबी बातचीत की, जिसमें युद्ध शांति से लेकर जियोपॉलिटिकल तनाव समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इस खबर के बाद पहले अमेरिका और फिर एशिया के बाजारों में तेजी लौटते दिखी.
2. अमेरिका में बढ़ती महंगाई को बाजार ने पचाया
जनवरी महीने के दौरान अमेरिका महंगाई दर मासिक आधार पर अनुमान से ज्यादा रहा. दरअसल, बाजार ने पहले ही यह बात पचा ली है कि फेड फिलहाल दरों में कटौती के मूड में नहीं है. ऐसे में महंगाई बढ़ने की वजह से इसका खासा असर नहीं देखने को मिला. CPI आंकड़े जारी होने के बाद ट्रेजरी यील्ड में भी उछाल देखने को मिला.
1. रूस - युक्रेन के बीच शांति पर बातचीत
अमेरिका ने रूस और युक्रेन के बीच युद्ध विराम को लेकर बातचीत की है, जिसके बाद बाजार के सेंटीमेंट पर इसका असर देखने को मिल रहा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन से लंबी बातचीत की, जिसमें युद्ध शांति से लेकर जियोपॉलिटिकल तनाव समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इस खबर के बाद पहले अमेरिका और फिर एशिया के बाजारों में तेजी लौटते दिखी.
2. अमेरिका में बढ़ती महंगाई को बाजार ने पचाया
जनवरी महीने के दौरान अमेरिका महंगाई दर मासिक आधार पर अनुमान से ज्यादा रहा. दरअसल, बाजार ने पहले ही यह बात पचा ली है कि फेड फिलहाल दरों में कटौती के मूड में नहीं है. ऐसे में महंगाई बढ़ने की वजह से इसका खासा असर नहीं देखने को मिला. CPI आंकड़े जारी होने के बाद ट्रेजरी यील्ड में भी उछाल देखने को मिला.
3. भारत में महंगाई दर कम हुई, दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी
भारत में जनवरी महीने की महंगाई दर बीते 5 महीने के निचले स्तरों पर फिसल चुकी है. जनवरी में रिटेल महंगाई 5.22% से घटकर 4.31% हो गई है. इसे 4.6% रहने का अनुमान था. इस दौरान खाद्य महंगाई दर में कमी आई है, लेकिन कोर महंगाई में हल्की बढ़त देखने को मिली है. जनवरी में ग्रामीण महंगाई 5.76% से घटकर 4.64% हो गई है. शहरी महंगाई में भी कमी दर्ज की गई है. सब्जियों और दालों की महंगाई भी घटी है.
4. कच्चे तेल में गिरावट से महंगाई कम होने की उम्मीद
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट जारी है. ब्रेंट क्रूड ऑयल 74.66 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. वहीं, अमेरिकी क्रूड ऑयल WTI अब 70.88 डॉलर प्रति बैरल पर है. कल के मुकाबले इसमें 2% की गिरावट देखने को मिली है. अमेरिका और रूस के बीच बातचीत से जियोपॉलिटिकल तनाव कम होने की उम्मीद में कच्चे तेल में यह गिरावट दिखी है. भारत दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल आयातक देशों में से एक है. ऐसे में सस्ते क्रूड ऑयल से भारत में महंगाई में और कमी आने की उम्मीद है.
5. चीन के बाजार पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा
चीन के इक्विटी मार्केट में सेंटीमेंट सुधरने से एशिया के दूसरे बाजार को भी फायदा मिला. हॉन्ग कॉन्ग का हैंग सैंग इंडेक्स 1% की बढ़त के साथ 4-महीने के नए ऊपरी स्तर पर पहुंच चुका है. चीन के चिप स्टॉक्स स्थिर नजर आ रहे हैं. निवेशकों को अब टेक और कंज्यूमर स्टॉक्स में वैल्यू नजर आ रहा है.
Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.
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