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Stock Market Crash: शेयर बाजार में 'डर के मीटर' VIX ने तोड़े सारे रिकॉर्ड- आगे क्या होने वाला है!

 

Stock Market Crash: शेयर बाजार में 'डर के मीटर' VIX ने तोड़े सारे रिकॉर्ड- आगे क्या होने वाला है!


India VIX को अक्सर "डर का मीटर" भी कहा जाता है.यह इंडेक्स बताता है कि अगले 30 दिनों में बाजार में कितनी वोलैटिलिटी (उथल-पुथल) हो सकती है. जब VIX बढ़ता है, तो माना जाता है कि बाजार में न्यूज़, घटनाओं या नीतियों को लेकर घबराहट बढ़ी है.7 अप्रैल को बाजार में भारी हलचल देखने को मिली. India VIX, जो बाजार में डर और अस्थिरता का सूचक है, 57% से ज्यादा उछल गया. इससे पता चलता है कि निवेशकों के बीच घबराहट तेजी से बढ़ी है.

उधर, Nifty 50 में भी जबरदस्त बिकवाली देखी गई और इंडेक्स 4% से ज्यादा टूटकर करीब 21,743 के स्तर तक आ गया. यह स्तर पिछले 10 महीनों का सबसे निचला स्तर है.

VIX का इतना बढ़ना क्या बताता है?जब इंडिया VIX इतनी तेजी से ऊपर जाता है, तो यह संकेत देता है कि निवेशक आने वाले समय में बाजार में और ज्यादा उतार-चढ़ाव की उम्मीद कर रहे हैं, यानी बाजार अनिश्चित और डर के माहौल में है.
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निवेशक बाजार में तेज़ गिरावट या उतार-चढ़ाव की आशंका जता रहे हैं. आने वाले दिन में अचानक बड़ी चालें देखी जा सकती हैं -ऊपर या नीचे.FII/ DII गतिविधि, US टैरिफ्स, लोकल पॉलिटिकल या इकोनॉमिक घटनाएं कारण हो सकती हैं.

निवेशकों के लिए क्या संकेत?शॉर्ट टर्म में सतर्क रहें — हाई वोलैटिलिटी में ट्रेडिंग रिस्की हो सकती है.स्टॉप लॉस का पालन करें. अचानक मूव्स से बचाव जरूरी है.लॉन्ग टर्म निवेशक घबराएं नहीं वोलैटिलिटी अस्थायी होती है.हेजिंग पर ध्यान दें.ऑप्शन या SIP जैसे माध्यमों से जोखिम संतुलित करें.

क्या हो सकता है कारण? US में ट्रंप टैरिफ्स की धमकी और वैश्विक अनिश्चितता है. RBI की अप्रैल MPC बैठक को लेकर सस्पेंस है. FIIs की चाल और डॉलर में उतार-चढ़ाव से टेंशन बढ़ी है.

कुल मिलाकर- India VIX में 60% की बढ़ोतरी निवेशकों को संकेत देती है कि बाजार में डर या अस्थिरता बढ़ रही है. ऐसे में जल्दबाज़ी न करें, अपनी रणनीति को दोबारा देखें और सोच-समझकर फैसला लें.

आइए India VIX के पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं...India VIX-India VIX (Volatility Index) भारतीय शेयर बाजार की अगले 30 दिनों की अस्थिरता (volatility) का अनुमान लगाने वाला एक इंडिकेटर है.

इसे "डर का मीटर" (Fear Gauge) भी कहा जाता है, क्योंकि जब बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, तो India VIX ऊपर चला जाता है

कैसे कैलकुलेट किया जाता है- National Stock Exchange (NSE) इसे NIFTY 50 ऑप्शंस की बिड-आस्क कीमतों के आधार पर कैलकुलेट करता है.

यह CBOE VIX मॉडल के आधार पर चलता है, जिसमें Black-Scholes ऑप्शन प्राइसिंग थ्योरी का उपयोग किया जाता है.

फैक्टर्स जो इसमें शामिल होते हैं:-
स्ट्राइक प्राइस (Strike Price)
बाजार मूल्य (Market Price)
एक्सपायरी डेट (Expiry Date)
रिस्क-फ्री रेट (Risk-Free Rate)

निफ्टी ऑप्शंस की इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (Implied Volatility of NIFTY Options)-अगर India VIX ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि बाजार में डर और अनिश्चितता अधिक है और यदि VIX कम है, तो इसका मतलब बाजार स्थिर है.

India VIX में तेजी क्यों आई- सीएनबीसी आवाज़ पर एक्सपर्ट्स ने बताया कि बाजार में अनिश्चितता (Market Uncertainty) है. सरकारी नीतियां, बजट घोषणाएं या आर्थिक आंकड़े के कमजोर होने से टेंशन बढ़ी है.

ग्लोबल इवेंट- अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात, युद्ध, या तेल-गैस की कीमतों में बदलाव से भारतीय बाजार प्रभावित होते है. लेकिन मौजूदा समय में अमेरिकी की ओर से जारी ट्रेड वॉर टेंशन बढ़ा रही है.

VIX और स्टॉक प्राइस का उल्टा रिश्ता है. -अगर India VIX बढ़ता है, तो शेयर बाजार गिरता है. अगर India VIX गिरता है, तो बाजार स्थिर या बुलिश (तेजी वाला) हो सकता है. इसलिए VIX को निवेशक एक अलार्म सिग्नल की तरह देखते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.

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