Stock Market: सोमवार के लिए बढ़ी टेंशन, US मार्केट में तो डूबे 400 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा
Stock Market: सोमवार के लिए बढ़ी टेंशन, US मार्केट में तो डूबे 400 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा
शुक्रवार को घरेलू बाजार तेज गिरावट के साथ बंद हुए थे. आज बाजार बंद है लेकिन निवेशकों की टेंशन बढ़ी हुई है कि अब सोमवार को क्या होगा. दरअसल शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट जारी रही है और ये गिरावट पिछले सत्र की गिरावट से इसलिए अलग है क्योंकि इसपर ट्रेड वॉर की आशंका के सच होने का असर दिखा है. दरअसल अमेरिका के एलान के बाद चीन ने भी बदले की कार्रवाई शुरू कर अमेरिकी उत्पादों पर 34 फीसदी के अतिरिक्त टैक्स लगाया है.
इस कदम के बाद ट्रेड वॉर से लेकर महंगाई तक की आशंकाएं अब सच होती दिख रही हैं. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन के टैरिफ से महंगाई पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है. इन संकेतों से अमेरिकी बाजारों में गिरावट देखने को मिली है और सिर्फ 2 दिन में अमेरिकी बाजारों में निवेशकों के 5 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा डूबे हैं. जो कि 400 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के बराबर हैं. आपको बता दें कि बीएसई पर लिस्ट सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप फिलहाल 4.7 लाख करोड़ डॉलर ही है.
कैसा रहा बाजार
बाजार पर इस सबका सीधा असर देखने को मिला है, S&P 500 इंडेक्स 11 महीनों के अपने निचले स्तर पर पहुंच गया. वहीं इन दो सत्रों में ही बाजार में निवेशकों को 5.4 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. पिछले सत्र में नैस्डेक और एसएंडपी 500 इंडेक्स करीब 6 फीसदी गिरे. वहीं डाओ जोंस 5 फीसदी से ज्यादा टूटा है. एसएंडपी 500 के लिए पिछला सत्र मार्च 2020 के बाद का सबसे खराब सत्र साबित हुआ है जहां इंडेक्स में शामिल 14 स्टॉक को छोड़ दें तो बाकी सभी गिरावट के साथ बंद हुए हैं.
इस हफ्ते नैस्डेक 10 फीसदी से ज्यादा गिरा है यानि तकनीकी रूप से इंडेक्स मंदड़ियों की गिरफ्त में आ गया है. फरवरी से ऊपरी स्तरों से 20 फीसदी गिरावट की ये रफ्तार सिर्फ महामारी और 2000 के डॉट कॉम संकट में देखने को मिली थी. ट्रंप के कदमों ने अनिश्चितता बढ़ा दी है वहीं अब अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किलें बढ़ने की आशंकाएं जताई जा रही हैं एक समारोह में बोलते हुए फेडरल रिजर्व के प्रमुख ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ का असर अनुमान से अधिक होगा.
क्या कह रहे एक्सपर्ट
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में पिक्टेट एसेट मैनेजमेंट के प्रमुख रणनीतिकार लुका पौलिनी ने कहा कि साफ तौर से मुश्किलें और बढ़ने जा रही है. चीन का कदम कोई अप्रत्याशित नहीं था. समस्या है कि कोई नहीं जानता कि इस ट्रेड वॉर में कितना नुकसान उठाने के बाद लीडर पीछे हटने की सोचेंगे.
घरेलू बाजारों में इन आशंकाओं का सीधा असर देखने को मिला है. अगला हफ्ता बाजार के लिए काफी अहम है, तिमाही नतीजों का सीजन शुरू हो रहा है. वहीं टैरिफ को लेकर नए अपडेट आ सकते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर नतीजे अनुमान के मुताबिक नहीं रहते तो गिरावट और बढ़ सकती है.
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