Suzlon Share price target: मोतीलाल ओसवाल ने सुजलॉन एनर्जी के शेयरों पर दिया बड़ा अपडेट, जानिए कितने मुनाफे की उम्मीद?
Suzlon Share price target: मोतीलाल ओसवाल ने सुजलॉन एनर्जी के शेयरों पर दिया बड़ा अपडेट, जानिए कितने मुनाफे की उम्मीद?
क्या अच्छा है
1. कंपनी लगातार मुनाफे में है.FY25 में Suzlon Energy ने लगातार तीसरे साल मुनाफा कमाया है. वहीं, FY25 Net Profit: ₹660 करोड़ रुपये हो गया है. पिछला साल (FY24): ₹296 करोड़ रुपये था यानी करीब 123% की ग्रोथ आई है. निवेशकों के लिए ये बहुत बड़ा संकेत है कि कंपनी अपने सबसे बुरे दौर से निकल चुकी है.
2. कर्ज़ में भारी कमी-FY19 में कंपनी का कर्ज़ ₹12,000 करोड़ से भी ज्यादा था.अब FY25 में नेट डेब्ट घटकर सिर्फ ₹1,254 करोड़ रह गया है. डेब्ट कम होने से ब्याज का बोझ घटा है और मुनाफा बढ़ा है – सस्टेनेबिलिटी में बड़ा सुधार आया है.
3. EBITDA में शानदार ग्रोथ-FY25 EBITDA: ₹1,217 करोड़ रुपये है. EBITDA Margin: 17.6% पर है. पिछली तिमाही (Q4FY25) का EBITDA: ₹427 करोड़ (22.2% मार्जिन) रुपये है. EBITDA बढ़ने का मतलब है कंपनी का ऑपरेशन मज़बूत हो रहा है.
4. रिकॉर्ड ऑर्डर बुक-FY25 के अंत तक 2.5 GW की ऑर्डर बुक, जिसमें 80% से ज्यादा IPPs (Independent Power Producers) से ऑर्डर हैं.कंपनी के पास अगले कुछ सालों के लिए मजबूत बिजनेस पाइपलाइन है.
5. ESG और मेक इन इंडिया पर फोकस है. Suzlon Energy की 89% सप्लाई चेन घरेलू है.FY25 में कंपनी ने 1.2 GW का उत्पादन किया – भारत में बनी टर्बाइनों से आता है. 2040 तक Net Zero का लक्ष्य है.ग्रीन एनर्जी और लोकल मैन्युफैक्चरिंग में इसकी मौजूदगी इसे लॉन्ग टर्म स्टोरी बनाती है.
1. कंपनी लगातार मुनाफे में है.FY25 में Suzlon Energy ने लगातार तीसरे साल मुनाफा कमाया है. वहीं, FY25 Net Profit: ₹660 करोड़ रुपये हो गया है. पिछला साल (FY24): ₹296 करोड़ रुपये था यानी करीब 123% की ग्रोथ आई है. निवेशकों के लिए ये बहुत बड़ा संकेत है कि कंपनी अपने सबसे बुरे दौर से निकल चुकी है.
2. कर्ज़ में भारी कमी-FY19 में कंपनी का कर्ज़ ₹12,000 करोड़ से भी ज्यादा था.अब FY25 में नेट डेब्ट घटकर सिर्फ ₹1,254 करोड़ रह गया है. डेब्ट कम होने से ब्याज का बोझ घटा है और मुनाफा बढ़ा है – सस्टेनेबिलिटी में बड़ा सुधार आया है.
3. EBITDA में शानदार ग्रोथ-FY25 EBITDA: ₹1,217 करोड़ रुपये है. EBITDA Margin: 17.6% पर है. पिछली तिमाही (Q4FY25) का EBITDA: ₹427 करोड़ (22.2% मार्जिन) रुपये है. EBITDA बढ़ने का मतलब है कंपनी का ऑपरेशन मज़बूत हो रहा है.
4. रिकॉर्ड ऑर्डर बुक-FY25 के अंत तक 2.5 GW की ऑर्डर बुक, जिसमें 80% से ज्यादा IPPs (Independent Power Producers) से ऑर्डर हैं.कंपनी के पास अगले कुछ सालों के लिए मजबूत बिजनेस पाइपलाइन है.
5. ESG और मेक इन इंडिया पर फोकस है. Suzlon Energy की 89% सप्लाई चेन घरेलू है.FY25 में कंपनी ने 1.2 GW का उत्पादन किया – भारत में बनी टर्बाइनों से आता है. 2040 तक Net Zero का लक्ष्य है.ग्रीन एनर्जी और लोकल मैन्युफैक्चरिंग में इसकी मौजूदगी इसे लॉन्ग टर्म स्टोरी बनाती है.
लेकिन रिस्क भी रिपोर्ट में बताए गए है.
1. मौसमी असर और साइट डिले-साइट क्लियरेंस और मौसम जैसे कारणों से प्रोजेक्ट डिले हो सकते हैं.
2. कॉम्पिटीशन और टैरिफ का दबाव-बाजार में प्राइसिंग कॉम्पिटीशन बढ़ रहा है, जिससे मार्जिन पर दबाव आ सकता है.
3. हाई कैपेक्स और टेकी अपग्रेड की जरूरत-जैसे-जैसे कंपनी नए मॉडल्स और बड़े टर्बाइनों की तरफ बढ़ेगी, वहां निवेश और अपग्रेडिंग खर्च बढ़ेगा.
लगातार मुनाफा टर्नअराउंड स्टोरी में भरोसा बना.कर्ज में भारी गिरावट फाइनेंशियल हेल्थ सुधरी.मजबूत ऑर्डर बुक रेवेन्यू विजिबिलिटी.ग्रीन एनर्जी थीम ESG आधारित निवेशकों को आकर्षण
अगर आपने Suzlon Energy का शेयर होल्ड कर रखा है – बने रहिए. कंपनी अब उस दौर से निकल आई है जहां अस्तित्व पर सवाल थे.नए निवेशक भी इस स्टॉक को लंबी अवधि के नजरिए से ट्रैक कर सकते हैं – लेकिन हर तेजी पर खरीदने की बजाय डिप्स पर एंट्री बेहतर होगी.
ध्यान रहे, स्टॉक में वोलैटिलिटी रहेगी – लेकिन रिपोर्ट के हिसाब से बिजनेस मॉडल मजबूत हो रहा है, और पुनरुद्धार (Revival) की कहानी सच होती दिख रही है.
Suzlon Energy अब सिर्फ विंड टर्बाइन बेचने वाली कंपनी नहीं, बल्कि एक 'ग्रीन एनर्जी प्ले' बनती जा रही है – और यही इसकी असली ताकत है.
1. मौसमी असर और साइट डिले-साइट क्लियरेंस और मौसम जैसे कारणों से प्रोजेक्ट डिले हो सकते हैं.
2. कॉम्पिटीशन और टैरिफ का दबाव-बाजार में प्राइसिंग कॉम्पिटीशन बढ़ रहा है, जिससे मार्जिन पर दबाव आ सकता है.
3. हाई कैपेक्स और टेकी अपग्रेड की जरूरत-जैसे-जैसे कंपनी नए मॉडल्स और बड़े टर्बाइनों की तरफ बढ़ेगी, वहां निवेश और अपग्रेडिंग खर्च बढ़ेगा.
लगातार मुनाफा टर्नअराउंड स्टोरी में भरोसा बना.कर्ज में भारी गिरावट फाइनेंशियल हेल्थ सुधरी.मजबूत ऑर्डर बुक रेवेन्यू विजिबिलिटी.ग्रीन एनर्जी थीम ESG आधारित निवेशकों को आकर्षण
अगर आपने Suzlon Energy का शेयर होल्ड कर रखा है – बने रहिए. कंपनी अब उस दौर से निकल आई है जहां अस्तित्व पर सवाल थे.नए निवेशक भी इस स्टॉक को लंबी अवधि के नजरिए से ट्रैक कर सकते हैं – लेकिन हर तेजी पर खरीदने की बजाय डिप्स पर एंट्री बेहतर होगी.
ध्यान रहे, स्टॉक में वोलैटिलिटी रहेगी – लेकिन रिपोर्ट के हिसाब से बिजनेस मॉडल मजबूत हो रहा है, और पुनरुद्धार (Revival) की कहानी सच होती दिख रही है.
Suzlon Energy अब सिर्फ विंड टर्बाइन बेचने वाली कंपनी नहीं, बल्कि एक 'ग्रीन एनर्जी प्ले' बनती जा रही है – और यही इसकी असली ताकत है.
Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।
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