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Gold vs Sensex Returns: 2025 के पहले 36 दिन में रिटर्न की रेस किसने जीती- सोना या सेंसेक्स

 

Gold vs Sensex Returns: 2025 के पहले 36 दिन में रिटर्न की रेस किसने जीती- सोना या सेंसेक्स



साल 2025 के पहले 35 दिन निकल गए है. बुधवार 5 फरवरी को साल का 36वां दिन है. इस दौरान रिटर्न रेस में सोना फिर से आगे निकल गया है. साल के 2025 के जनवरी और फरवरी महीने में अच्छा रिटर्न दिया है. गोल्ड 10.5 फीसदी बढ़ा है. वहीं, सेंसेक्स 0.24 फीसदी बढ़ा है.

रिटर्न रेस में अभी तक कौन आगे?गोल्ड ने साल 2025 में 5 फरवरी 2025 तक कुल 10.5 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं, चांदी ने 11 फीसदी का रिटर्न दिया है.

अगर शेयर बाजार के रिटर्न की बात करें तो सेंसेक्स में 0.24 फीसदी, निफ्टी में 0.21 फीसदी की तेजी रही है. जबकि बैंक निफ्टी इस दौरान -1 फीसदी रहा है.

इससे पहले साल 2024 में भी यहीं हाल था. साल 2008 की मंदी के बाद, जब निफ्टी में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई थी, सोने ने लगभग 30 फीसदी की तूफानी तेजी दिखाई. ये ग्रोथ सेफ इनवेस्टमेंट की वजह से आई थी.

गोल्ड में तेजी क्यों? एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेफ इन्वेस्टमेंट के तौर पर गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है. वहीं, दूसरी ओर जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड वॉर और एफआईआई की बिकवाली ने शेयर बाजार पर दबाव बनाया है. इसीलिए रिटर्न की रेस में पीछे छूट गया है.

नए नियम भी आ गए है- नए नियमों के मुताबिक अगर आप 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद खरीदे गए गोल्ड ईटीएफ को 12 महीने पूरे होने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा.

जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.

लेकिन अगर आप 12 महीने पूरे होने के बाद बेचते हैं तो कैपिटल गेन पर बगैर इंडेक्सेशन के फायदे के साथ 12.5 फीसदी लांग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा.

1 अप्रैल 2023 से पहले डेट फंड की तर्ज पर गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्युचुअल फंड पर भी इंडेक्सेशन के फायदे के साथ 20 फीसदी (सेस मिलाकर 20.8 फीसदी) लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) का प्रावधान था, बशर्ते आप खरीदने के 36 महीने पूरे होने के बाद बेचते हैं.

लेकिन नए नियमों के मुताबिक अगर आप 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद खरीदे गए गोल्ड म्युचुअल फंड को 24 महीने पूरे होने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा.

जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. लेकिन अगर आप 24 महीने पूरे होने के बाद बेचते हैं तो कैपिटल गेन पर बगैर इंडेक्सेशन के फायदे के साथ 12.5 फीसदी लांग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा.

1 अप्रैल 2023 से पहले डेट फंड की तर्ज पर गोल्ड म्युचुअल फंड पर भी इंडेक्सेशन के फायदे के साथ 20 फीसदी (सेस मिलाकर 20.8 फीसदी) लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) का प्रावधान था, बशर्ते आप खरीदने के 36 महीने पूरे होने के बाद बेचते हैं.

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