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China Stock Market: चीन के शेयर बाजार में हुआ बड़ा 'खेल' एक ही दिन में ₹38000 करोड़...

 

China Stock Market: चीन के शेयर बाजार में हुआ बड़ा 'खेल' एक ही दिन में ₹38000 करोड़...




चीनी निवेशकों ने बुधवार को हांगकांग स्टॉक्स में रिकॉर्ड HK$35.6 अरब ($4.6 अरब) की खरीदारी की. यह अब तक का सबसे बड़ा एकदिनी निवेश है, पिछला रिकॉर्ड सिर्फ एक महीने पहले बना था. 2025 में अब तक HK$574 अरब की कुल खरीदारी हो चुकी है. US के 104% टैरिफ लागू होने के बावजूद चीनी निवेशकों में कोई घबराहट नहीं दिखी.

पूरा मामला क्या है?बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो गए. इस वजह से दुनियाभर के बाजारों में भारी उठापटक देखने को मिली थी. इसके बावजूद, मेनलैंड चीन के निवेशकों ने हांगकांग के शेयरों में जबरदस्त खरीदारी की.

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चीनी निवेशकों ने दिनभर में HK$35.6 अरब (करीब ₹38,000 करोड़) के शेयर खरीदे — जो अब तक का सबसे बड़ा एक दिन का निवेश है. इससे पहले का रिकॉर्ड भी पिछले महीने ही बना था.

क्यों नहीं घबराए चीनी निवेशक-बाजार में उम्मीद है कि चीन सरकार नया आर्थिक स्टिमुलस (नया राहत पैकेज) ला सकती है.इसलिए निवेशकों ने गिरावट को खरीदारी का मौका समझा.उन्होंने 4% से ज्यादा की गिरावट के बाद बाजार को ऊपर खींचा और हांगकांग का चाइना स्टॉक इंडेक्स दिन के अंत में 1.4% बढ़त के साथ बंद हुआ.

और क्या खास रहा-2 अप्रैल से, जब ट्रंप ने भारी टैरिफ्स का ऐलान किया था, तब से अब तक HK$115 अरब से ज्यादा की खरीदारी हो चुकी है.बुधवार को हांगकांग में कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का 45% हिस्सा अकेले चीन के ऑनशोर निवेशकों का था.

कुल मिलाकर-ट्रंप के टैरिफ हमलों के बीच, चीनी निवेशक न केवल घबराए नहीं, बल्कि उन्होंने रिकॉर्ड स्तर पर खरीदारी कर यह दिखा दिया कि वे अपनी अर्थव्यवस्था में भरोसा रखते हैं.अब बाजारों की नजर है कि चीन सरकार कब और कितना बड़ा आर्थिक पैकेज लेकर आती है.

भारत पर संभावित असर:


(1) वैश्विक सेंटिमेंट में सुधार-चीनी निवेशकों ने भारी खरीदारी करके यह दिखाया है कि वे आर्थिक मंदी या टैरिफ वार से डर नहीं रहे.इससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा थोड़ा मजबूत हो सकता है.भारत जैसे उभरते बाजार (Emerging Markets) में भी इसका सकारात्मक प्रभाव दिख सकता है. यानी शेयर बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है.

(2) विदेशी निवेशकों (FIIs) का रुख स्थिर हो सकता है-अगर चीन और हांगकांग के बाजार स्थिर रहते हैं, तो विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकालने में जल्दबाजी नहीं करेंगे.इससे रुपया (INR) पर दबाव थोड़ा कम हो सकता है और शेयर बाजार (Sensex-Nifty) को सहारा मिलेगा।

(3)चीन से प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है-अगर चीन अपने घरेलू निवेश से बाजारों को मजबूत करता है और आर्थिक स्टिमुलस लाता है, तो वह भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए चुनौती बन सकता है.चीन की कंपनियां सस्ती दरों पर प्रोडक्ट्स बेच सकती हैं, जिससे भारत की कंपनियों को ग्लोबल मार्केट में कॉम्पिटिशन का सामना करना पड़ेगा.

(4) मूड बेहतर, लेकिन जोखिम बना रहेगा- यह खरीदारी दिखाती है कि निवेशकों को उम्मीद है कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देगा. लेकिन अगर ट्रंप के टैरिफ और चीन की जवाबी कार्रवाइयां बढ़ती हैं, तो बाजारों में फिर से अस्थिरता (volatility) आ सकती है, जिसका भारत पर भी नेगेटिव असर हो सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.

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