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शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों SEBI का नया सर्कुलर आया- नियम आसान, 2 अप्रैल से लागू

 

शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों SEBI का नया सर्कुलर आया- नियम आसान, 2 अप्रैल से लागू




अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं तो नए नियमों के बारे में जान लीजिए. ये नियम 2 अप्रैल से लागू हो रहे है.

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 2 अप्रैल 2025 को एक अहम फैसला लेते हुए निवेश सलाहकारों (Investment Advisers - IAs) और रिसर्च एनालिस्ट (Research Analysts - RAs) को एडवांस फीस वसूलने की सीमा बढ़ा दी है. अब ये पेशेवर एक साल की एडवांस फीस ले सकेंगे, जो पहले केवल 3 महीने (RAs के लिए) और दो क्वार्टर (IAs के लिए) तक सीमित थी.IPO News: ट्रंप टैरिफ के बीच बड़ी खबर आई- अमेरिकी कंपनी भारत में IPO लॉन्च करेगी

पहले क्या था नियम?पहले SEBI ने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह तय किया था कि RAs केवल तीन महीने और IAs केवल दो क्वार्टर की ही एडवांस फीस ले सकते हैं. इसका उद्देश्य था कि क्लाइंट्स को लंबे समय तक बंधा न किया जाए. लेकिन इससे कई फर्मों ने शिकायत की कि यह नियम उन्हें लॉन्ग-टर्म सिफारिशें देने से रोकता है और उनकी योजनाएं प्रभावित होती हैं.

क्या हुआ बदलाव?SEBI ने निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट्स से मिले फीडबैक और एक कंसल्टेशन पेपर के आधार पर अब यह फैसला लिया है कि:एडवांस फीस की अवधि अब एक साल तक की हो सकती है, बशर्ते क्लाइंट की सहमति हो.

यह नियम केवल व्यक्तिगत (individual) और Hindu Undivided Family (HUF) क्लाइंट्स पर लागू होगा — बशर्ते वे accredited investors न हों.नॉन-इंडिविजुअल क्लाइंट्स, अक्रीडिटेड इन्वेस्टर्स और इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (जैसे कि प्रॉक्सी एडवाइजर की सेवाएं लेने वाले) पर ये शुल्क संबंधी सीमाएं लागू नहीं होंगी. ऐसे मामलों में फीस से जुड़े नियम आपसी कॉन्ट्रैट के आधार पर तय होंगे.

यह नया सर्कुलर 2 अप्रैल 2025 से ही प्रभाव में आ गया है.

क्यों जरूरी है ये बदलाव?SEBI के इस कदम का उद्देश्य निवेश सलाहकारों और रिसर्च एनालिस्ट्स को अधिक लचीलापन देना है ताकि वे लंबी अवधि के प्लान्स और सलाह आसानी से दे सकें. साथ ही, यह फैसला निवेशकों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे बेहतर योजना और पारदर्शिता संभव होगी.

SEBI का यह नया फैसला बाजार की प्रोफेशनल सेवाओं को बेहतर और अधिक अनुकूल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. निवेशकों और सलाहकारों दोनों को इससे लंबी अवधि में फायदा हो सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें. 

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