Stock Market Crash: ट्रंप टैरिफ से ग्लोबल मार्केट में Bears का तांडव, इन बाजारों में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग
Stock Market Crash: ट्रंप टैरिफ से ग्लोबल मार्केट में Bears का तांडव, इन बाजारों में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग
अमेरिका बाजार में शुक्रवार को भारी बिकवाली का सिलसिला आज एशियाई बाजारों में भी देखने को मिल रहा. डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ की वजह से दुनियाभर के निवेशक लाखों करोड़ रुपये का नुकसान झेल रहे हैं. अमेरिका के जवाब में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन और बाकी अन्य देशों ने जवाबी टैरिफ का एलान कर दिया है. लिहाजा, ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ने और मंदी की आशंका के बीच दुनियाभर के बाजारों में भारी बिकवाली का माहौल है
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से लेकर भारत के मुंबई और श्रीलंका के कोलम्बो तक के बाजार में औसतन 7.9% की गिरावट देखने को मिल रही, जोकि बीते 16 साल में सबसे बड़ी गिरावट है. अमेरिका और यूरोप के इक्विटी फ्यूचर्स में भी औसतन 3.6% की कमजोरी है. कच्चे तेल से लेकर बॉन्ड यील्ड में भी दबाव दिख रहा. डॉलर के मुकाबले दुनिया की सबसे प्रमुख करेंसीज, जैसे येन और स्विस फ्रैंक भी आउटपरफॉर्म कर रहे हैं.
ताइवान के बाजार में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग
हॉन्ग कॉन्ग के बेंचमार्क इंडेक्स हैंग सैंग में बीते 16 साल की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट दिखी. चीन ने अमेरिका पर 34% का जवाबी टैरिफ लगाने का एलान किया है. यहां पर टेक स्टॉक्स में भारी बिकवाली है. ताइवान के बाजार में भी एतिहासिक गिरावट दिखी और अब यहां का बाजार करेक्शन में जा चुका है. यहां का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स Taiex 10% तक फिसलते दिखा. जुलाई के शिखर से अब तक इसमें 20% की गिरावट देखने को मिली है.
ताइवान के बाजार में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग
हॉन्ग कॉन्ग के बेंचमार्क इंडेक्स हैंग सैंग में बीते 16 साल की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट दिखी. चीन ने अमेरिका पर 34% का जवाबी टैरिफ लगाने का एलान किया है. यहां पर टेक स्टॉक्स में भारी बिकवाली है. ताइवान के बाजार में भी एतिहासिक गिरावट दिखी और अब यहां का बाजार करेक्शन में जा चुका है. यहां का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स Taiex 10% तक फिसलते दिखा. जुलाई के शिखर से अब तक इसमें 20% की गिरावट देखने को मिली है.
इस भारी गिरावट के बाद यहां कुछ समय के लिए आज ट्रेडिंग रोकनी पड़ी है. ताइवान स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख ने कहा कि बाजार में वोलेटिलिटी के बीच जरूरत पड़ने पर आगे की उपाय किए जाएंगे. यहां के बाजार बीते गुरुवार और शुक्रवार (3 और 4 अप्रैल) को बंद थे.
जापान के बाजार में ट्रेडिंग रुका
केवल ताइवान नहीं बल्कि जापान के बाजारों में भी ट्रेडिंग रोकने की स्थिति खड़ी हो गई. यहां निक्केई 225 फ्यूचर्स में 8% की गिरावट के बाद 10 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी. कई दूसरे फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में भी ट्रेडिंग रोक दी गई. हालांकि, 10 मिनट बाद ये ट्रेडिंग फिर से शुरू हो सकी और स्पॉट ट्रेडिंग में खरीदारी और बिकवाली पर इसका खासा असर नहीं दिखा.
श्रीलंका के बाजार में रुकी ट्रेडिंग
दक्षिण कोरिया के बाजार में प्रोग्राम ट्रेडिंग के लिए Sell ऑर्डर्स को रोकना पड़ा था. श्रीलंका जैसे छोटे शेयर बाजारों में ट्रेडिंग रोकनी पड़ी. कोलम्बो स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स S&P SL20 इंडेक्स 5% गिरने के बाद ट्रेडिंग रोक दी गई. ये रुकवाट 30 मिनट के लिए रही.
महंगाई और मंदी की चिंता
दुनियाभर के बाजार में यह भारी गिरावट एक ऐसे समय पर आ रहा है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ग्लोबल ट्रेड को अपने पक्ष में झुकाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. कंपनियों ने अपने बिजनेस प्लान में बदलवा किया है, इक्विटी बाजारों के रणनीतिकारों ने अनुमान में कटौती की है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन, जेरोम पॉवेल ने साफ कर दिया है वो दरों में दरों में कटौती को लेकर जल्दबाजी नहीं करेंगे. अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है. यहां सुस्त ग्रोथ और महंगाई की चिंता बढ़ते दिख रही है.
पूरे हफ्ते जारी रह सकती है बाजार में बिकवाली
ब्लूमबर्ग ने Brown Brothers Harriamn के विन थीन के हवाले से कहा है कि टैरिफ की वजह से बाजार में इस पूरे हफ्ते गिरावट जारी रहने की उम्मीद है. ट्रंप प्रशासन ने पॉलिसी में बदलाव के कोई भी संकेत नहीं दिए है. विन थीन ने कहा, "इन सबको देखते हुए इक्विटी मार्केट में बिकवाली जारी रहने के संकेत मिल रहे हैं और ट्रेजरी में तेजी जारी रह सकती है."
अमेरिकी हेज फंड निवेशक बिल एकमैन (Bill Ackman) और दिग्गज निवेशक स्टैनली ड्रकेनमिलर (Stanley Druckenmiller) ने भी डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की निंदा की है. यहां तक की वॉरेन बफेट ने भी कहा है कि वो इस मामले में ट्रंप का समर्थन नहीं करते हैं.
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम ने निवेशकों के बीच महंगाई और मंदी के डर को खारिज कर दिया है. ट्रंप ने कहा, "बाजार को एक सेकेंड के लिए भूल जाएं. हम सब एडवांटेज की स्थिति में हैं. अच्छे के लिए कभी हमें दवाई की कड़वी घूंट लेनी पड़ती है."
अमेरिकी बाजार में 420 लाख करोड़ साफ
बताते चलें कि बीते शुक्रवार को अमेरिकी बाजार में कोविड-19 के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली. S&P500 इंडेक्स दो दिन में सबसे ज्यादा गिरा. इस गिराव के साथ ही अमेरिका में लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में 5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 420 लाख करोड़) की गिरावट देखने को मिली. नैस्डैक में भी भारी गिरावट रही और डाओं जोंस भी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ. अमेरिकी बाजार में वोलेटिलिटी इंडेक्स CBOE Volatility Index भी 2020 के बाद सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच चुका है. भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है.
महंगाई और मंदी की चिंता
दुनियाभर के बाजार में यह भारी गिरावट एक ऐसे समय पर आ रहा है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ग्लोबल ट्रेड को अपने पक्ष में झुकाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. कंपनियों ने अपने बिजनेस प्लान में बदलवा किया है, इक्विटी बाजारों के रणनीतिकारों ने अनुमान में कटौती की है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन, जेरोम पॉवेल ने साफ कर दिया है वो दरों में दरों में कटौती को लेकर जल्दबाजी नहीं करेंगे. अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है. यहां सुस्त ग्रोथ और महंगाई की चिंता बढ़ते दिख रही है.
पूरे हफ्ते जारी रह सकती है बाजार में बिकवाली
ब्लूमबर्ग ने Brown Brothers Harriamn के विन थीन के हवाले से कहा है कि टैरिफ की वजह से बाजार में इस पूरे हफ्ते गिरावट जारी रहने की उम्मीद है. ट्रंप प्रशासन ने पॉलिसी में बदलाव के कोई भी संकेत नहीं दिए है. विन थीन ने कहा, "इन सबको देखते हुए इक्विटी मार्केट में बिकवाली जारी रहने के संकेत मिल रहे हैं और ट्रेजरी में तेजी जारी रह सकती है."
अमेरिकी हेज फंड निवेशक बिल एकमैन (Bill Ackman) और दिग्गज निवेशक स्टैनली ड्रकेनमिलर (Stanley Druckenmiller) ने भी डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की निंदा की है. यहां तक की वॉरेन बफेट ने भी कहा है कि वो इस मामले में ट्रंप का समर्थन नहीं करते हैं.
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम ने निवेशकों के बीच महंगाई और मंदी के डर को खारिज कर दिया है. ट्रंप ने कहा, "बाजार को एक सेकेंड के लिए भूल जाएं. हम सब एडवांटेज की स्थिति में हैं. अच्छे के लिए कभी हमें दवाई की कड़वी घूंट लेनी पड़ती है."
अमेरिकी बाजार में 420 लाख करोड़ साफ
बताते चलें कि बीते शुक्रवार को अमेरिकी बाजार में कोविड-19 के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली. S&P500 इंडेक्स दो दिन में सबसे ज्यादा गिरा. इस गिराव के साथ ही अमेरिका में लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में 5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 420 लाख करोड़) की गिरावट देखने को मिली. नैस्डैक में भी भारी गिरावट रही और डाओं जोंस भी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ. अमेरिकी बाजार में वोलेटिलिटी इंडेक्स CBOE Volatility Index भी 2020 के बाद सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच चुका है. भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है.
Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.
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