Header Ads

Bharat bandh:- ट्रेड यूनियनों का ‘भारत बंद’ आज... क्यों हो रही हड़ताल, क्या खुला रहेगा और क्या होगा बंद? जानें हर सवाल का जवाब

 

Bharat bandh:- ट्रेड यूनियनों का ‘भारत बंद’ आज... क्यों हो रही हड़ताल, क्या खुला रहेगा और क्या होगा बंद? जानें हर सवाल का जवाब



भारत बंद :- ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में 25 करोड़ मजदूरों और कर्मचारियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. ये कर्मचारी केंद्र सरकार पर मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉरपोरेट-समर्थक नीतियों का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस हड़ताल का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने किया है. इसमें किसान संगठनों और ग्रामीण मजदूर यूनियनों का भी समर्थन है.


कई सगंठनों ने आज बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है. ऐसे में आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल होने जा रही है, जिसमें 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों के भाग लेने का दावा किया जा रहा है. ये कर्मचारी केंद्र सरकार पर मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉरपोरेट-समर्थक नीतियों का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस हड़ताल का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने किया है. इसमें किसान संगठनों और ग्रामीण मजदूर यूनियनों का भी समर्थन है. Today's Weather Update: बुधवार को 8 जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी

हड़ताल के कारण बैंकिंग, डाक सेवाएं, परिवहन, औद्योगिक उत्पादन और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं में भारी व्यवधान की संभावना है. हालांकि कई व्यापारी संगठनों का कहना है कि लोगों के रोजमर्रा के कामकाज पर इस 'भारत बंद' का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा. 

क्या-क्या प्रभावित हो सकता है?

बैंकिंग और बीमा सेवाएं
-डाक विभाग
-कोयला खनन और औद्योगिक उत्पादन
-राज्य परिवहन सेवाएं
-सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां
-ग्रामीण इलाकों में किसान रैलियां

क्या खुला रहेगा?

-स्कूल और कॉलेज
-निजी दफ्तर
-ट्रेन सेवाएं (हालांकि देरी हो सकती है)

AITUC की अमरजीत कौर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "किसान और ग्रामीण श्रमिक भी इस देशव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे. सरकार ने हमारी 17-सूत्रीय मांगों को नजरअंदाज किया है और पिछले 10 वर्षों में श्रम सम्मेलन भी नहीं बुलाया गया है."


बिजली और बैंक सेवाओं पर असर

हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा, "बैंकिंग, डाक, कोयला खनन, फैक्ट्रियां और राज्य परिवहन सेवाएं हड़ताल से प्रभावित होंगी."

ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन (AIBEA) से जुड़ी बंगाल प्रांतीय बैंक कर्मचारी संघ ने पुष्टि की है कि बैंकिंग और बीमा दोनों क्षेत्र हड़ताल में भाग ले रहे हैं. हालांकि आज औपचारिक बैंक अवकाश नहीं है, लेकिन शाखाओं और एटीएम में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि 27 लाख से अधिक बिजली क्षेत्र के कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने की संभावना है.

रेलवे की ओर से हड़ताल का कोई आधिकारिक नोटिस नहीं है, लेकिन विलंब या व्यवधान की आशंका है.

व्यापक विरोध आंदोलन

यह विरोध सिर्फ औपचारिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है. अनौपचारिक क्षेत्र, स्वरोजगार समूह जैसे सेल्फ-एम्प्लॉइड वूमेन्स एसोसिएशन (SEWA) और ग्रामीण समुदायों ने भी इसमें भाग लेने का निर्णय लिया है. आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा जैसे किसान संगठनों का भी समर्थन मिला है, जो पहले कृषि कानूनों के विरोध में अग्रणी भूमिका में था. रेलवे, NMDC लिमिटेड, स्टील प्लांट्स जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी भी हड़ताल के समर्थन में हैं.

हड़ताल में शामिल प्रमुख संगठन

-ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
-इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
-सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU)
-हिंद मजदूर सभा (HMS)
-सेल्फ-एम्प्लॉयड वूमेन्स एसोसिएशन (SEWA)
-लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF)
-यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)


समर्थक संगठन

-संयुक्त किसान मोर्चा
-ग्रामीण मजदूर यूनियनें
-रेलवे, एनएमडीसी और स्टील उद्योग के कर्मचारी

आंदोलन का कारण क्या है?

हड़ताल का मुख्य कारण है सरकार द्वारा चार नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) को लागू करना. ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि ये कोड हड़ताल करना कठिन बनाते हैं, काम के घंटे बढ़ाते हैं, कंपनी मालिकों को सजा से बचाते हैं, नौकरी की सुरक्षा और उचित वेतन को खतरे में डालते हैं. निजीकरण और ठेका श्रमिकों की बढ़ती भूमिका के खिलाफ भी विरोध है.

इससे पहले 2020, 2022 और 2024 में भी इसी तरह के देशव्यापी हड़ताल हुए थे, जिनमें लाखों मजदूरों ने प्रो-लेबर नीतियों की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया था.



No comments

Powered by Blogger.