IPO News: सोलर कंपनी लेकर आ रही है अपना IPO- जानिए प्रमोटर समेत पूरी डिटेल
Upcoming IPO News: सोलर कंपनी लेकर आ रही है अपना IPO- जानिए प्रमोटर समेत पूरी डिटेल
देश में सोलर एनर्जी पर सरकार से मिल रहे सपोर्ट के बीच शेयर मार्केट में कई सोलर से जुड़ी कंपनियां अपने आईपीओ लेकर आ रही है. इस साल कई कपनियों के नाम इस लिस्ट में जुड़ सकते है. भारत की बड़ी सोलर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल निर्माता कंपनियों में शामिल विक्रम सोलर को मार्केट रेगुलेटर SEBI से इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए मंजूरी मिल चुकी है. आईपीओ में 1500 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू और प्रमोटर्स ज्ञानेश चौधरी, विक्रम कैपिटल मैनेजमेंट और अनिल चौधरी द्वारा 1.74 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री (ऑफर फॉर सेल) शामिल है.
कंपनी 300 करोड़ रुपये तक की राशि प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के जरिए भी जुटाने पर विचार कर सकती है. यदि ऐसा होता है तो यह राशि फ्रेश इश्यू की कुल राशि से घटा दी जाएगी. विक्रम सोलर आईपीओ से प्राप्त राशि का एक हिस्सा, विशेष रूप से 793.36 करोड़ रुपये, अपनी सब्सिडियरी वीएसएल ग्रीन पावर प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करने की योजना बना रही है.
डोमेस्टिक सोलर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ने की संभावना
विक्रम सोलर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ज्ञानेश चौधरी का कहना है कि भारत ने इस साल पहले ही 100 गीगावाट (GW) की इंस्टॉल्ड सोलर कैपेसिटी को पार करने का ऐतिहासिक पड़ाव हासिल कर लिया है और डोमेस्टिक सोलर मैन्युफैक्चरिंग अभी और बढ़ने की संभावना है. ये सिर्फ ग्रोथ की बात नहीं-यह क्लीन टेक्नोलॉजी में भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता की आकांक्षा को रेखांकित करता है.
उन्होंने कहा कि मॉड्यूल ने सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब मॉड्यूल प्रोडक्शन को सपोर्ट करने वाली सप्लाई चेन को और मजबूत किया जाएगा. सोलर की आत्मनिर्भर वैल्यू चेन कई जरूरी हिस्सों- पॉलीसिलिकॉन, इंगोट्स और वेफर्स से लेकर सेल्स और मॉड्यूल्स तक, साथ ही बैलेंस ऑफ सिस्टम कंपोनेंट्स से गुजरती है. हर हिस्से पर खास ध्यान और भारी निवेश की जरूरत है ताकि सही मायने में मैन्युफैक्चरिंग में स्वतंत्रता हासिल हो सके.
विक्रम सोलर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ज्ञानेश चौधरी का कहना है कि भारत ने इस साल पहले ही 100 गीगावाट (GW) की इंस्टॉल्ड सोलर कैपेसिटी को पार करने का ऐतिहासिक पड़ाव हासिल कर लिया है और डोमेस्टिक सोलर मैन्युफैक्चरिंग अभी और बढ़ने की संभावना है. ये सिर्फ ग्रोथ की बात नहीं-यह क्लीन टेक्नोलॉजी में भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता की आकांक्षा को रेखांकित करता है.
उन्होंने कहा कि मॉड्यूल ने सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब मॉड्यूल प्रोडक्शन को सपोर्ट करने वाली सप्लाई चेन को और मजबूत किया जाएगा. सोलर की आत्मनिर्भर वैल्यू चेन कई जरूरी हिस्सों- पॉलीसिलिकॉन, इंगोट्स और वेफर्स से लेकर सेल्स और मॉड्यूल्स तक, साथ ही बैलेंस ऑफ सिस्टम कंपोनेंट्स से गुजरती है. हर हिस्से पर खास ध्यान और भारी निवेश की जरूरत है ताकि सही मायने में मैन्युफैक्चरिंग में स्वतंत्रता हासिल हो सके.
Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें


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