महाराष्ट्र के नागपुर में क्यों भड़की हिंसा, क्या थी अफवाह; देखते ही देखते कैसे जल उठा शहर
Nagpur clash:-महाराष्ट्र के नागपुर में क्यों भड़की हिंसा, क्या थी अफवाह; देखते ही देखते कैसे जल उठा शहर
बजरंग दल के लोगों ने किया था प्रदर्शन
अधिकारियों ने अनुसार यह उपद्रव दोपहर बाद शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। पुलिस के अनुसार, अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान कुरान को जलाया गया है। पुलिस के अनुसार बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया।
पुलिस के अनुसार शाम को गणेशपेठ थाने में पवित्र ग्रंथ जलाने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत भी दर्ज कराई गई। पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चिटनिस पार्क समेत शहर के विभिन्न इलाकों में इकट्ठा होने लगे। ऐसे में उपद्रव को भांपते हुए पुलिस ने गश्त तेज की और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया।
पुलिसकर्मियों पर पथराव
एक अधिकारी ने बताया कि इसी बीच चिटनिस पार्क और महल इलाकों में पुलिस कर्मियों पर पथराव शुरू हो गया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। एक अधिकारी ने बताया कि अन्य इलाकों में भी हिंसा की सूचना है। बजरंग दल के पदाधिकारियों ने हालांकि आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के तहत केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।
सीएम फडणवीस ने की शांति की अपील
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शांति की अपील की और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है। उनकी यह अपील ऐसे समय में आई है, जब शाम को मध्य नागपुर के कई इलाकों में इस अफवाह के बाद हिंसा फैल गई कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान कुरान को जला दिया गया। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘महल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया है।’’ उन्होंने नागरिकों से प्रशासन के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।
गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे फडणवीस ने यह भी कहा कि वह पुलिस के लगातार संपर्क में हैं और उन्होंने पुलिस से लोगों के साथ सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘नागपुर शांतिपूर्ण शहर है, जहां लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। हमेशा से नागपुर की यह परंपरा रही है। किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें।’’
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