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Morgan Stanley ने कहा - सेंसेक्स में आने वाली है तगड़ी तेजी, इसकी सबसे बड़ी वजह भी जानिए

Morgan Stanley ने कहा - सेंसेक्स में आने वाली है तगड़ी तेजी, इसकी सबसे बड़ी वजह भी जानिए




घरेलू शेयर बाजार में हालिया गिरावट के बाद भी ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली का नजरिया बुलिश बना हुआ है. ब्रोकरेज फर्म ने अपने हालिया रिपोर्ट में अपनी ताजा रणनीति के बारे में जानकारी दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 महीनों में बाजार में बड़ी तेजी की संभावना है. इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ऋद्धम देसाई और नयंत पारेख ने इस रिपोर्ट में कहा है कि जून 2026 तक सेंसेक्स 89,000 के स्तर तक जा सकता है. मौजूदा स्तर से इंडेक्स में करीब 10% की तेजी का अनुमान है.NSDL IPO GMP Allotment Status: इस आईपीओ के 1 शेयर पर 120 रुपये का होगा मुनाफा, आज अलॉटमेंट में जानिए आपको मिला या नहीं?

मॉर्गन स्टैनली को तेजी की उम्मीद क्यों?

यह तेजी का अनुमान भारत की अर्थव्यवस्था में बड़े बदलावों पर आधारित है, जैसे:

  • मजबूत जनसांख्यिकीय स्थिति (युवा आबादी)

  • बढ़ती आर्थिक स्थिरता

  • भरोसेमंद नीतिगत माहौल

  • बेहतर बुनियादी ढांचा

  • आन्त्रोप्रेन्योरिप का बढ़त चलन


मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि इन फैक्टर्स की वजह से भारत को ग्लोबल प्रोडक्शन में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी. भारत आने वाले दशकों में दुनिया का सबसे आकर्षक कंज्यूमर मार्केट बन सकता है. साथ ही, एनर्जी, डेट-टू-जीडीपी रेश्यो और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ेगी। भारत का ऑयल-जीडीपी रेश्यो कम हो रहा है. सर्विसेज सेक्टर से निर्यात बढ़ रहा है. इसके अलावा भारत में फिस्कल कंसोलिडेशन जारी है.

ये रुझान भारत के बचत-निवेश में असंतुलन को कम कर रहे हैं, जिससे वास्तविक ब्याज दरें कम रह सकती हैं। साथ ही, सप्लाई और नीतिगत बदलावों के कारण महंगाई और ब्याज दरों में अस्थिरता कम होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया, "ग्रोथ, कम अस्थिरता, गिरती ब्याज दरें और कम बीटा = उच्च P/E मल्टीपल की वजह से बाजार में तेजी की उम्मीद है."

कमजोर नतीजे लेकिन सुधार की उम्मीद
कारोबारी साल 2025 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की अर्निंग्स में नरमी रही. लेकिन देसाई और पारेख का मानना है कि यह साइकल अब अपने निचले स्तर पर है। बाजार को अभी पूरी तरह भरोसा नहीं है, लेकिन कुछ आगामी घटनाएं निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकती हैं:

  • RBI का नरम रुख

  • भारत-अमेरिका ट्रेड डील

  • GST दरों में सुधार

  • कैपेक्स को लेकर नए एलान

  • लोन ग्रोथ में तेजी

  • चीन के साथ बेहतर व्यापार


क्या है FPI की स्थिति?
FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) की स्थिति 2000 के बाद सबसे कमजोर है। एनालिस्ट का कहना है कि भारत का कम बीटा इसे ग्लोबल मंदी में बेहतर प्रदर्शन करने वाला बनाता है. लेकिन ग्लोबल तेजी में यह थोड़ा पीछे रह सकता है।

सेंसेक्स पर क्या है मॉर्नग स्टैनली का टारगेट

  • बेस केस (50% संभावना): सेंसेक्स 89,000, जो 23.5x P/E (25 साल के औसत 21x से अधिक) है. अर्निंग्स में कारोबारी साल 2028 तक 16.8% की सालाना दर से बढ़ेगी। यह स्थिर घरेलू ग्रोथ, कम तेल कीमतों और पॉजिटिव ग्रोथ-ब्याज दर अंतर पर आधारित है।

  • बुल केस (30% संभावना): सेंसेक्स 1,00,000, अगर तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रही. ग्लोबल ट्रेड टेंशन कम हुआ और भारत सुधारों को तेज करता है। कमाई 19% की सालाना दर से बढ़ सकती है।

  • Bear केस (20% संभावना): सेंसेक्स 70,000, अगर अर्निंग्स ग्रोथ 15% CAGR तक धीमी हुई और आर्थिक चुनौतियों के कारण वैल्युएशन कम हुआ।


क्या होनी चाहिए निवेश की रणनीति?
मॉर्गन स्टैनली घरेलू साइकल (Domestic Cyclicals) शेयरों पर दांव लगा रही है, न कि डिफेंसिव या निर्यात शेयरों पर फोकस करें. यह फाइनेंशियल्स, कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और इंडस्ट्रियल्स में ओवरवेट और एनर्जी, मटीरियल्स, यूटिलिटीज और हेल्थकेयर में अंडरवेट है। एनालिस्ट का कहना है, "यह चुनिंदा स्टॉक का बाजार होगा, न कि मैक् कारणों से मुनाफे का मौका मिलेगा."


Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें


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