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Vodaonfe Idea share news: घाटा तो कम हुआ लेकिन 2 लाख करोड़ का कर्ज डरावना, जानिए कंपनी क्या बड़ी तैयारी कर रही

 

Vodaonfe Idea Share News : घाटा तो कम हुआ लेकिन 2 लाख करोड़ का कर्ज डरावना, जानिए कंपनी क्या बड़ी तैयारी कर रही



Vodafone Idea Limited (Vi) ने गुरुवार को जारी नतीजों में बताया कि अप्रैल - जून के दौरान कंपनी का घाटा तिमाही-दर-तिमाही घटकर 6,608 करोड़ रुपये पर आ गया है. लेकिन, यह पिछले साल की समान तिमाही में हुए 6,432 करोड़ रुपये के घाटे से अधिक है. मार्च तिमाही (Q4 FY25) के 7,166 करोड़ रुपये के घाटे से कम है.

तिमाही के अंत में कंपनी का नेट वर्थ निगेटिव 76,934.6 करोड़ रुपये रहा. इस दौरान कंपनी पर बैंकों का देय कर्ज 1,715.2 करोड़ रुपये है, जिसमें ब्याज शामिल नहीं है. इसके अलावा, 210.8 करोड़ रुपये का कर्ज नियमों के उल्लंघन के कारण लंबी अवधि से छोटी अवधि में बदल गया.

इस दौरान 30 जून 2025 तक, बैंक कर्ज (ब्याज सहित) 1,944.5 करोड़ रुपये और स्पेक्ट्रम व AGR बकाया 1.99 लाख करोड़ रुपये है, जो FY44 (स्पेक्ट्रम) और FY31 (AGR) तक देय है. FY26 में AGR के लिए 16,428 करोड़ रुपये और जून 2026 तक स्पेक्ट्रम के लिए 2,641.4 करोड़ रुपये का भुगतान करना है.

सरकार ने कंपनी को क्या राहत मिली है?

2021 के टेलीकॉम सुधारों के तहत, 2021, 2022 और 2024 की नीलामी को छोड़कर स्पेक्ट्रम और FY19 तक के AGR बकाये पर चार साल का मोरेटोरियम है. अंतिम बकाया रकम 31 दिसंबर 2025 तक तय होगी. AGR पेमेंट 31 मार्च 2026 से छह समान किश्तों में शुरू होगा. Vodafone Idea ने अप्रैल 2025 में DoT से AGR राहत मांगी थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया.

मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका भी खारिज हो गई. हालांकि, नॉन-एग्जीक्युटिव चेयरमैन रविंदर टक्कर ने कहा कि कंपनी सरकार के साथ पेमेंट समाधान पर बातचीत जारी रखेगी.

बैंक फंडिंग और निवेश
टक्कर ने कहा कि कंपनी ने अब तक सभी कर्ज दायित्वों और ब्याज का भुगतान किया है. लेकिन, भविष्य के पेमेंट्स के लिए सरकार के सपोर्ट, इक्विटी और कर्ज जुटाने, और बेहतर कैश फ्लो की जरूरत है. कंपनी बैंकों के साथ अतिरिक्त फंडिंग के लिए बातचीत कर रही है.

चीफ एग्जीक्युटिव ऑफिसर अक्षय मूंदड़ा ने कहा, "यह तिमाही निर्णायक रही. पिछले तीन तिमाहियों में 4G कवरेज बढ़ाने के निवेश के परिणाम दिख रहे हैं. ग्राहक नुकसान 90% कम हुआ, जो विलय के बाद सबसे कम है."

कंपनी 50,000-55,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) की योजना पर काम कर रही है, जिसके लिए बैंकों से कर्ज जुटाने की कोशिश जारी है.



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