Jane Street की भारतीय शेयर बाजार में वापसी! सेबी के निर्देश पर ₹4,843.5 करोड़ जमा किए
Jane Street की भारतीय शेयर बाजार में वापसी! सेबी के निर्देश पर ₹4,843.5 करोड़ जमा किए
ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street Group ने भारतीय बाजार में वापसी की पूरी तैयारी कर ली है. मनीकंट्रोल को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक- सेबी के 3 जुलाई के अंतरिम आदेश के तहत जरूरी शर्तें पूरी करते हुए फर्म ने ₹4,843.5 करोड़ एक एस्क्रो खाते में जमा करा दिए हैं. इसके साथ ही अब फर्म पर से ट्रेडिंग बैन हट गया है, और वह फिर से भारतीय शेयर बाजारों में लेनदेन कर सकती है.
क्या कहा गया था सेबी के आदेश में-Jane Street को निर्देश दिया गया था कि वह कथित "अनुचित मुनाफे" की राशि भारत में किसी शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक में एस्क्रो अकाउंट के ज़रिए जमा करे.सेबी ने फर्म की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी जब तक यह पैसा जमा न हो जाए.बैंकों, डिपॉजिटरी और कस्टोडियन को Jane Street की परिसंपत्तियों को रोके रखने के लिए भी कहा गया था
आदेश के क्लॉज 62.11 के मुताबिक, जैसे ही फर्म रकम जमा कर दे, ट्रेडिंग से जुड़ी सभी पाबंदियां खत्म मानी जाएंगी
आदेश के क्लॉज 62.11 के मुताबिक, जैसे ही फर्म रकम जमा कर दे, ट्रेडिंग से जुड़ी सभी पाबंदियां खत्म मानी जाएंगी
अब क्या स्थिति है-राशि जमा हो चुकी है, यानी Jane Street अब भारत में शेयर खरीद-बेच सकती है.हालांकि, सेबी ने चेताया है कि कंपनी को वही ट्रेडिंग रणनीति फिर से अपनाने की इजाजत नहीं है, जो अंतरिम आदेश में संदिग्ध पाई गई थी.सेबी ने यह भी कहा है कि भविष्य में कंपनी की हर ट्रेडिंग गतिविधि पर निगरानी रखी जाएगी ताकि कोई गड़बड़ी न हो
क्या था मामला-सेबी का आरोप था कि Jane Street ने कुछ ट्रेडिंग पैटर्न के ज़रिए भारतीय शेयर बाजार में धोखाधड़ी और अनुचित मुनाफा कमाया है. Jane Street ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि यह एक सामान्य हेजिंग रणनीति थी, जिसे सेबी ने गलत तरीके से समझा
आगे क्या हो सकता है-Jane Street ने सेबी के आदेश पर सवाल उठाते हुए प्रक्रियात्मक आपत्ति भी दी है.सेबी ने साफ किया है कि अगर जांच में यह साबित हो जाए कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी, तो जमा रकम वापस की जा सकती है.फिलहाल कंपनी यह तय कर रही है कि वह फौरन ट्रेडिंग फिर शुरू करे या पहले माहौल का आकलन करे
निवेशकों के लिए क्या मायने-Jane Street की वापसी से लिक्विडिटी और मार्केट वॉल्यूम बढ़ सकते हैं.लेकिन अगर भविष्य में कोई गड़बड़ी होती है, तो यह केस दोबारा तूल पकड़ सकता है.सेबी का सख्त रुख दर्शाता है कि रेगुलेटरी निगरानी अब और मजबूत होगी, खासकर विदेशी संस्थाओं पर.
Jane Street की भारतीय शेयर बाजार में वापसी जरूर हो गई है, लेकिन सेबी की सख्त निगरानी और शर्तों के चलते उनकी चाल अब पूरी तरह पारदर्शी और नियंत्रित होनी होगी. यह केस भारतीय कैपिटल मार्केट में कॉर्पोरेट गवर्नेंस और निगरानी तंत्र की मजबूती का भी संकेत देता है.
क्या था मामला-सेबी का आरोप था कि Jane Street ने कुछ ट्रेडिंग पैटर्न के ज़रिए भारतीय शेयर बाजार में धोखाधड़ी और अनुचित मुनाफा कमाया है. Jane Street ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि यह एक सामान्य हेजिंग रणनीति थी, जिसे सेबी ने गलत तरीके से समझा
आगे क्या हो सकता है-Jane Street ने सेबी के आदेश पर सवाल उठाते हुए प्रक्रियात्मक आपत्ति भी दी है.सेबी ने साफ किया है कि अगर जांच में यह साबित हो जाए कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी, तो जमा रकम वापस की जा सकती है.फिलहाल कंपनी यह तय कर रही है कि वह फौरन ट्रेडिंग फिर शुरू करे या पहले माहौल का आकलन करे
निवेशकों के लिए क्या मायने-Jane Street की वापसी से लिक्विडिटी और मार्केट वॉल्यूम बढ़ सकते हैं.लेकिन अगर भविष्य में कोई गड़बड़ी होती है, तो यह केस दोबारा तूल पकड़ सकता है.सेबी का सख्त रुख दर्शाता है कि रेगुलेटरी निगरानी अब और मजबूत होगी, खासकर विदेशी संस्थाओं पर.
Jane Street की भारतीय शेयर बाजार में वापसी जरूर हो गई है, लेकिन सेबी की सख्त निगरानी और शर्तों के चलते उनकी चाल अब पूरी तरह पारदर्शी और नियंत्रित होनी होगी. यह केस भारतीय कैपिटल मार्केट में कॉर्पोरेट गवर्नेंस और निगरानी तंत्र की मजबूती का भी संकेत देता है.
Disclaimer: शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें


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